Insta की रानी और WiFi का राजा: नकली लाइफ की रंगीन एक्टिंग!

Insta की रानी और WiFi का राजा: नकली लाइफ की रंगीन एक्टिंग!

जो लोग असल ज़िंदगी में खुद अपने मुँह से अपनी खूबसूरती, लाइफ़स्टाइल या आत्मशक्ति की तारीफ़ करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते — इस डर से कि कहीं सामने वाला उन्हें खुद पर इठलाने वाला न समझे — वही लोग सोशल मीडिया पर बेहिचक सब कुछ उगल देते हैं।

जहाँ क्रिएटिविटी का कोई लेना-देना नहीं होता, बस “मैं अलग दिखूं” का शोर होता है। शब्द और इमोजी ऐसे लगते हैं जैसे किसी फैशन शो में अल्फाबेट और सिंबल्स ने रैंप वॉक कर डाली हो।

👧 लड़कियाँ और उनके प्रोफ़ाइल के यूज़रनेम, बायो या नाम में इस्तेमाल किए गए शब्दों और इमोजी पर ज़रा गौर फरमाइए —

  • Cutie Pie 💋
  • Barbie Queen 😘
  • Princess Bebo 👑
  • Patakha Guddi 💣
  • Swagwali Gudiya 🔥
  • Miss Attitude Killer 😈
  • Drama Queen Forever 🎭


👦 और लड़कों का क्या ही कहें…

  • Desi Munda 🔥
  • Ziddi Launda 💪
  • Heart Hacker 💔
  • Bad Boy Boss 😈
  • Chocolate Boy 🍫
  • Killer Look Boy 😎
  • King of Attitude 👑

इनका एटीट्यूड इतना हाई है कि NASA वाले इन्हें स्पेस में भेजने का विचार करें।

बायो में क्या लिखा जाएगा?

"Mera khauf tumhare soch ke limit ke bahar hai."

"Jo mujhe kho de, woh zindagi haar jata hai."

या फिर कुछ ऐसा ही बेसिरपैर का।

और अगर किसी ने रख लिया “VIP Guru Official ✨”, तो उसके दोस्त बन जाते हैं:

  • VIP Bike Lover Official 🏍️
  • VIP Zamindar Official 🚗
  • VIP Monty Official 😎
  • VIP Lucky Official 
  • VIP Chiku Official 🔥
  • VIP Sonu Official 💪
  • VIP Raj Official 

और सबका एटीट्यूड ऐसा होता है जैसे बांद्रा के शाहरुख बन गए हों — और “official” इतना सीरियस लिखते हैं जैसे Instagram verification मिल गया हो!

और बायो में लिखा होता है:

“VIP Crew | Bhaiyon ka bhai | Attitude mera jaanleva | Only Real Ones”

यह पूरा का पूरा सीन होता है छपरी-गैंग लॉयल्टी का — जहाँ दोस्ती का प्रूफ होता है यूज़रनेम कॉपी-पेस्ट करना।

इनकी दोस्ती सिर्फ इंस्टा तक ही होती है... पर फीलिंग पूरी बॉलीवुड लेवल की होती है।

समझदारी का GPS तो जैसे सालों पहले स्विच ऑफ हो गया।

🕰 वो दौर भी याद है...
जब Facebook नया-नया आया था, तो हर कोई अंग्रेज़ी में कमेंट करके Oxford की डिग्री का फील लेता था।
"Nice pic", "Lovely", "So sweet" —
बस इतना ही लिखकर खुद को इंटरनेशनल सिटीजन समझने लगते थे।

फिर वक़्त बदला, सोच बदली।
अब लोग अपनी भाषा को लेकर थोड़े सहज हुए — लेकिन... भेड़चाल की आदत गई नहीं।

“अरे भई... ये वही लोग हैं जो कभी चोरी के मोबाइल से फोटो खींचते थे, और अब फ्री वाईफाई बाँटकर मोहल्ले के डिजिटल देवता बन बैठे हैं...”

“ताकि लोग इनके आगे-पीछे दुम हिलाते दौड़ें, और ये भीड़ में अपना झूठा फेम चमका सकें!”

इनके कैमरे में फ़िल्टर ज़्यादा होते हैं, और सोच में कंटेंट कम!

"राजनीतिज्ञों के साथ खिंची एक फोटो को ऐसा ज़ूम करके पोस्ट करते हैं,
जैसे नेता जी के PA वही हों।

जब तुम इनसे अपने ₹2000 वापस मांगते हो, तो जवाब आता है:
'भाई, जुगाड़ कर रहा हूँ...'"

इनको सब पता है कि नशा, दिखावा, और ये लव-शव का चक्कर सही नहीं है, लेकिन भेड़चाल में बहक जाते हैं, जैसे भटकती आत्मा को इत्र की बोतल दिखा दी हो।

फिर सोशल मीडिया पर इन्हीं चीज़ों को ग्लैमर का नाम देकर दिखाने लगते हैं — भले ही इनकी असल ज़िंदगी इनसे बिल्कुल अलग हो।

धर्म का ज्ञान WhatsApp विश्वविद्यालय से लेते हैं,
जहाँ हर जानकारी ताज़ा, चटपटी और पूरी तरह गलत होती है।

धार्मिक मुद्दा ट्रेंड होते ही...
इनका मुँह इतना करीब आ जाता है आपके चेहरे के, कि आपको लगे —
"आप किसी पॉडकास्ट में बैठे हैं, बस माइक की कमी है।"

ग्रंथों को पढ़ते नहीं, लेकिन भीड़ बनाकर नारेबाज़ी ज़रूर करते हैं।

देवनागरी में लिखना आता नहीं,
रोमन हिंदी में "main" को "m" और "hai" को "h" लिखते हैं।

और जब इंग्लिश लिखते हैं, तो लगता है कीबोर्ड खुद शर्मिंदा हो गया।

और तो और, इमोजी का इतना ओवरडोज़ कि लगता है जैसे किसी ने शब्दों में रंगोली भर दी हो।

आख़िर में...
अगर कभी आपने भी “Miss Cutie Pie” या “Thug Boy” बनने का सपना देखा है, तो यकीन मानो — आपका असली यूज़रनेम ही सबसे बेस्ट है।

अगर प्राइवेसी की चिंता है, तो फोटो में कुछ और डाल दीजिए, नाम या सरनेम छोटा रख लीजिए — और भी कई समझदारी भरे विकल्प हैं।

ज़िन्दगी कोई Insta स्टोरी नहीं है जो 24 घंटे में मिट जाए।
उसे असली बनाकर जिओ — बिना फ़िल्टर के।