बेचने की कला

बेचने की कला

यदि आप कोई वस्तु बेचना चाहते हैं तो ग्राहक को उस वस्तु के गुण बताइए। यह आवश्यक नहीं है कि ग्राहक आपसे सहमत ही हो, लेकिन आप उससे झगड़िए नहीं, उसे मीठे शब्दों में अपना दृष्टिकोण समझाइए।

कुछ लोग दूसरों को डांट-फटकार कर अपनी आज्ञा का पालन कराते हैं और इसमें गर्व का अनुभव करते हैं। ऐसे लोगों के लिए वाणिज्य-व्यापार में एक दिन भी टिकना मुश्किल है।

बेचने की कला बड़ी कठिन कला है। इसके लिए धैर्य, अध्यवसाय और चतुराई की आवश्यकता होती है। जिसमें ये गुण न हों, वह ग्राहक के पास न जाए। ऐसा व्यक्ति जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकता।